Kharif MSP List 2024-25 : केंद्र सरकार ने जारी की खरीफ फसलों की नई MSP लिस्ट 2024-25: सोयाबीन समेत इन फसलों के दाम बढ़े
केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के लिए नई MSP लिस्ट 2024-25 जारी की है, जिसमें धान, सोयाबीन, तुअर जैसी फसलों की कीमतों में वृद्धि की गई है। जानें नई MSP लिस्ट और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें।
Kharif MSP List 2024-25 : केंद्र सरकार ने जारी की खरीफ फसलों की नई MSP लिस्ट 2024-25: सोयाबीन समेत इन फसलों के दाम बढ़े
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए नई न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लिस्ट जारी की है, जिसमें धान, सोयाबीन, तुअर और अन्य फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोत्तरी किसानों की आय में वृद्धि और फसल उत्पादन में सुधार के उद्देश्य से की गई है।
खरीफ फसलों की MSP 2024-25: क्या बदला?
खरीफ फसलें मुख्य रूप से जून-जुलाई में बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में कटाई होती है। सरकार द्वारा खरीफ फसलों की नई MSP लिस्ट जारी कर दी गई है, जिसमें धान, सोयाबीन, मक्का, ज्वार जैसी फसलों की कीमतों में वृद्धि की गई है। यह कदम किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए उठाया गया है ताकि उन्हें उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल सके।
MSP वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है, जिससे बाजार में उस फसल की कीमतें नियंत्रित होती हैं। अगर MSP लागू नहीं होती, तो व्यापारी फसल की कीमत अपने हिसाब से तय करते हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है।
MSP बढ़ोतरी का सरकार पर असर
सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में वृद्धि की है, जिससे करीब 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ सरकार पर आएगा। यह पिछले फसल सीजन से 35,000 करोड़ रुपए ज्यादा है। इस कदम से किसानों को अधिक मुनाफा होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।
खरीफ फसलों की नई MSP लिस्ट
फसल का नाम | MSP 2024-25 | MSP 2023-24 | बढ़ोत्तरी |
---|---|---|---|
सोयाबीन | 4892 रु. | 4600 रु. | 292 रु. |
धान (सामान्य) | 2300 रु. | 2183 रु. | 117 रु. |
धान (A ग्रेड) | 2320 रु. | 2203 रु. | 117 रु. |
तुअर दाल | 7550 रु. | 7000 रु. | 550 रु. |
उड़द दाल | 7400 रु. | 6950 रु. | 450 रु. |
मक्का | 2225 रु. | 2090 रु. | 135 रु. |
ज्वार (हाइब्रिड) | 3371 रु. | 3180 रु. | 191 रु. |
मूंगफली | 6783 रु. | 6377 रु. | 406 रु. |
इन फसलों के अलावा अन्य फसलों जैसे कपास, बाजरा, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली आदि की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है।
MSP कैसे तय होती है?
1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की स्थापना की गई थी, जो फसलों की MSP तय करने के लिए जिम्मेदार है। CACP कृषि उत्पादन, लागत और अन्य आर्थिक कारकों का मूल्यांकन करता है और उसके आधार पर MSP की सिफारिश करता है। पहली बार 1966-67 में MSP के आधार पर फसलों की खरीदी की गई थी।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें
2004 में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट ने MSP की महत्वता को रेखांकित किया था। आयोग ने किसानों के लिए MSP लागू करने की सिफारिश की थी, ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके। हालांकि, सरकार ने अब तक इस रिपोर्ट को पूरी तरह लागू नहीं किया है, लेकिन MSP में की गई यह बढ़ोतरी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
MSP से किसानों को क्या लाभ?
MSP से किसानों को फसल का सही दाम मिलता है और बाजार में उनके उत्पाद की कीमतें भी स्थिर रहती हैं। जब सरकार MSP पर फसल खरीदती है, तो व्यापारी भी उसी दर पर खरीदने के लिए बाध्य होते हैं, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार के शोषण से बचाया जा सकता है।